Guru Purnima In Hindi 2024 , गुरु पूर्णिमा 2024 में कब है, और गुरु पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है – हमारे देश में कई तरह के त्यौहार पर्व आदि मनाए जाते हैं। उन्हीं पर्वों में एक है, गुरु पूर्णिमा यह भारत का प्रसिद्ध पर्व है। यह अपने गुरु के प्रति सम्मान भाव व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है| गुरु पूर्णिमा के पर्व को हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के लोग बड़े उल्लास के साथ मनाते हैं।
हिंदू धर्म में गुरु को भगवान का दर्जा दिया गया है, गुरु के बिना किसी भी तरह के ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती, गुरु के द्वारा ही हम भगवान को प्राप्त कर सकते हैं। गुरु पूर्णिमा हर वर्ष हिंदी कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
गुरु पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है – Guru Purnima In Hindi
महर्षि वेदव्यास के जन्मदिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। सनातन संस्कृति में गुरु को ईश्वर तुल्य माना गया है, बिना गुरु के व्यक्ति को कभी ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती, फिर गुरु चाहे किसी भी रूप में हो। गुरु हमें कुछ ना कुछ ज्ञान अवश्य सीख कर जाते हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरु के प्रति अपनी आस्था को प्रकट करते हैं, और अपने गुरु की भगवान की तरह पूजा आदि करते हैं।
गुरु पूर्णिमा का महत्व
एक गुरु की संसार में बहुत ही बड़ी भूमिका होती है| गुरु खुद को जलाकर संसार को प्रकाशित करने का कार्य करते हैं, साथ ही आध्यात्मिक जगत में गुरु अपने शिष्य को भगवान से मिलाने में भी सहायता करते हैं। एक गुरु भटके हुए व्यक्ति को सही मार्ग पर लता है, और उसे आगे बढ़ने का ज्ञान और हौसला देता है।
गुरु अपने शिष्य के लिए अपनी पूरी जिंदगी लगा देते हैं। इसलिए जीवन में गुरु का होना बहुत ही जरूरी होता है| बिना गुरु के जीवन अंधकारमय हो जाता है। गुरु एक दीपक की तरह होता है, जो खुद जलकर अपने शिष्य को प्रकाशमय बना देता है। गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरु की विधिवत पूजा आदि करते हैं, गुरु के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हैं, उन्हें प्रेम भाव प्रदान करते हैं।
गुरु पूर्णिमा 2024 में कब है
गुरु पूर्णिमा का पर्व हर वर्ष हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। 2024 में गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को पड़ेगा इस दिन रविवार है।
गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
हिंदी पंचांग के अनुसार पूर्णिमा की तिथि 20 जुलाई 2024 को शाम 6:00 बजे से लेकर 21 जुलाई 2024 को दिन के 3: 46 तक रहेगा |
गुरु की पूजा कैसे करें
- गुरु पूर्णिमा के दिन प्रात काल ही स्नान नित्य कर्म आदि से निवृत होने के बाद, शुद्ध वस्त्र धारण करके पूजा स्थल को गंगाजल छीड़क कर शुद्ध कर ले।
- अब पूजा स्थल पर एक चौकी पर वेदव्यास जी की प्रतिमा या फिर वेद व्यास जी की तस्वीर या चित्र को स्थापित करें,
- अब वेदवासी के चित्र पर या प्रतिमा पर ताजे फूलों की माल चढ़ाएं, फूल अर्पित करें,
- इसके बाद आप अपने गुरु के पास जाकर उन्हें प्रणाम करके एक स्वच्छ आसन पर बैठाएं, इसके बाद अपने गुरु को फूलों की माला अर्पित करें और फूल अर्पित करें।
- इसके पश्चात आप जो भी अपने श्रद्धा अनुसार वस्त्र, फल, मिष्ठान, आदि अर्पित करे,
- इसके बाद उनकी प्रदक्षिणा करें और अपने गुरु को दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लें।
महर्षि वेदव्यास का गुरु पूर्णिमा से संबंध
वैदिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है, कि प्राचीन काल में श्रीमद् भागवत गीता, 18 पुराण, महाभारत, ब्रह्म सूत्र आदि साहित्य की रचना करने वाले वेदव्यास जी का जन्म आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को हुआ था।
वेदव्यास महर्षि पाराशर और सत्यवती के पुत्र थे। उनका नाम कृष्णद्वैपायन था। महर्षि वेदव्यास त्रिकालदर्शी थे, वेदव्यास अपनी दिव्य दृष्टि से तीनों कालों में घटित घटनाओं को देख सकते थे।
उन्होंने अपनी दिव्य दृष्टि से जान लिया था, कि कलयुग में लोगों की रुचि धर्म के प्रति कम हो जाएगी, धर्म में रुचि कम होने के कारण मनुष्य ईश्वर के प्रति अविश्वास रखेगा, और अपने कर्तव्यों को भूलता जाएगा, व्यक्ति अल्पायु हो जाएगा, और वह वेदों को पढ़ने और याद रखने में असमर्थ हो जाएगा।
यह विचार करके महर्षि वेदव्यास ने वेद को चार भागों में बांट दिया| ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद। महर्षि वेदव्यास ने वेद को चार भागों में विभाजन किया इस कारण उन्हें वेदव्यास के नाम से जाना जाता है|
महर्षि वेदव्यास ने महाभारत जैसी कई ग्रन्थों की रचना की इसलिए वेदव्यास जी को आदि गुरु माना जाता है। गुरु पूर्णिमा के प्रसिद्ध पर्व को वेदव्यास जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन अपने गुरुओं की पूजा की जाती है।
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निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में आपने जाना की गुरु पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है, और गुरु पूर्णिमा का महत्व क्या है। आप भी गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु के प्रति अपनी श्रद्धा भाव को व्यक्त कर सकते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न – FAQ
प्रश्न. 1. 2024 में गुरु पूर्णिमा कब है
उत्तर. 2024 में गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को है। गुरु पूर्णिमा 20 जुलाई 2024 को 5:59 से शुरू होकर 21 जुलाई 2022 को 3:46 पर खत्म होगा
प्रश्न. 2 गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु को क्या देना चाहिए
उत्तर. गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु को अपनी श्रद्धा अनुसार प्रेम भाव से आप कुछ भी दे सकते हैं जैसे वस्त्र फल फूल माला मिष्ठान आदि अपने गुरु को अर्पण कर सकते हैं।
प्रश्न. 3 गुरु पूर्णिमा वर्ष में कितनी बार आती है
उत्तर. गुरु पूर्णिमा हर वर्ष आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इसे वेदव्यास जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
प्रश्न. 4 गुरु पूर्णिमा पर किस देवता की पूजा करनी चाहिए
उत्तर. वैसे तो गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरुओं की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा गुरु पूर्णिमा पर आप वेद व्यास जी की पूजा कर सकते हैं वेदव्यास जी ने वेदों का वर्गीकरण किया था और 18 पुराण और महाभारत की रचना की थी वेदव्यास जी ने ग की रचना करके संपूर्ण संसार में ज्ञान का प्रकाश फैलाया था इसलिए वेदव्यास जी को आदि गुरु के रूप में पूजा जाता है
प्रश्न. 5 गुरु पूर्णिमा के दिन क्या दान करना चाहिए
उत्तर. गुरु पूर्णिमा के दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को खीर बनाकर खिलाने से लाभ मिलता है इसके अलावा गुरु पूर्णिमा के दिन आप अपनी श्रद्धा अनुसार लाल रंग की मिठाई, लाल रंग के वस्त्र, शहद आदि दान कर सकते हैं।