Parmanu sanyantra in Hindi,भारत के टॉप 5 परमाणु संयंत्र ,परमाणु संयंत्र के फायदे और नुकसान – हेलो दोस्तों जब आप देखते होंगे कि हमारे देश में कई सारे नए और पुराने ऊर्जा के स्रोत है जो हमारे लिए लगातार बिजली का उत्पादन कर रहे हैं जैसे – सौर ऊर्जा, कोयला, गैस, जीवाश्म, परमाणु संयंत्र, आदि कई सारे ऊर्जा के स्रोत है जिससे हम दैनिक जीवन के लिएबिजली का उत्पादन करते हैं और कई सारे क्षय और अक्षय ऊर्जा के स्रोत ढूंढे जार हे |
भारत के अंदर बिजली उत्पादन का विकास 19 वीं शताब्दी के प्रारंभ में 1897 में दार्जिलिंग से प्रारंभ की गई फिर धीरे-धीरे भारत में कई सारे बिजली के स्रोत ढूंढे गए अगर हम भारत में सबसे बड़ा ऊर्जा स्रोत की बात करें तो वह है परमाणु संयंत्र जिससे हमें कई मात्रा में बिजली का उत्पादन देखने को मिलता है | हम इस आर्टिकल की सहायता से आपको भारत के महत्वपूर्ण परमाणु संयंत्र के बारे में जानकारी देंगे
परमाणु संयंत्र क्या होते हैं – Parmanu sanyantra in Hindi
जैसा हम जानते हैं परमाणु संयंत्र परमाणु ऊर्जा की सहायता से चलने वाला यंत्र होता है इसके अंदर नाभिकीय विखंडन की क्रिया को पूर्ण करकेऊर्जा का उत्पादन किया जाता है और उसे ऊर्जा की सहायता सेपानी को बाप बना दिया जाता है और उसके प्रेशर से करवा को घुमाया जाता है जिससे हमको बिजली प्राप्त होती है यह इसका महत्वपूर्ण प्रारूप है परमाणु संयंत्र का |
नाभिकीय संलयन रिएक्टर अभी तक नहीं बनाया गया है धीरे-धीरे इस पर रिसर्च चल रही हैयह कई अच्छी हो सकती है नाभिकीय विखंडन की तुलना में क्योंकि हम नाभिकीय संलयन में अधिक ऊर्जा पैदा करते हैं |
भारत के टॉप 5 परमाणु संयंत्र
1. रावतभाटा परमाणु संयंत्र
रावतभाटा परमाणु संयंत्र राजस्थान के कोटा जिले से 65 किलोमीटर दूर स्थित है जिससे राजस्थान के कुछ क्षेत्र के लिए बिजली का उत्पादन किया जाता है इस परमाणु संयंत्र की स्थापना 1975 में कनाडा सरकार की सहायता से की गई थी यह भारत का दूसरा परमाणु संयंत्र है |
परमाणु संयंत्र | स्थान | प्रकार | प्रचालक | कुल क्षमता (मेगावाट) |
रावतभाटा परमाणु संयंत्र | राजस्थान कोटा जिला | दबाव वाले भारी जल रिएक्टर (PHWR) | न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) | 1,180 |
तारापुर परमाणु संयंत्र
यह परमाणु संयंत्र भारत का पहला परमाणु संयंत्र है जिसकी स्थापना 28 अक्टूबर 1969 को की गई थी इसकी स्थापना में अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा एजेंसी के साथ 123 हस्तांतरित समझौता के तहत किया गया | यह परमाणु संयंत्र महाराष्ट्र में स्थित है |
परमाणु संयंत्र | स्थान | प्रकार | प्रचालक | कुल क्षमता (मेगावाट) |
तारापुर परमाणु संयंत्र | महाराष्ट्र | उबलते पानी वाला रिएक्टर (B.W.R.) & दबाव वाले भारी जल रिएक्टर (P.H.W.R.) | न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) | 1,400 |
3. कुडनकुलम परमाणु संयंत्र
कुडनकुलम परमाणु संयंत्र तमिलनाडु के कुडनकुलम जिले में स्थित है जिसका निर्माण 2002 में प्रारंभ किया गया और 2013 में जाकर संपन्न हुआ इसका बिजली उत्पादन क्षमता 2014 में जाकर 1000 मेगावॉट हो गया था |
यह परमाणु संयंत्र एचपीसीएल का 20वां नाभिकीय विद्युत संयंत्र है
परमाणु संयंत्र | स्थान | प्रकार | प्रचालक | कुल क्षमता (मेगावाट) |
कुडनकुलम परमाणु संयंत्र | तमिलनाडु कुडनकुलम जिले में | जल-जल ऊर्जावान रिएक्टर (V.V.E.R.) | न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) | 2,000 |
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4. कैगा परमाणु संयंत्र
यह परमाणु संयंत्र कर्नाटक के कन्नड़ जिले में स्थित है जो सन 2000 से लगातार कार्यरत है यह काली नदी के पास स्थित है |
परमाणु संयंत्र | स्थान | प्रकार | प्रचालक | कुल क्षमता (मेगावाट) |
कैगा परमाणु संयंत्र | कर्नाटक के कन्नड़ जिले में | दबाव वाले भारी जल रिएक्टर | न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) | 880 |
5. काकरापार परमाणु संयंत्र
काकरापार परमाणु संयंत्र गुजरात के सूरत जिले के तापी नदी के पास स्थित है जिसके अंदरदो परमाणु रिएक्टर है इसके अंदर प्राकृतिक यूरेनियम का उपयोग किया जाता है और शीतलक के रूप में भारी जल का उपयोग किया जाता है
इसके अलावा सबसे बड़ा यह प्लस पॉइंट है कि यह स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है
परमाणु संयंत्र | स्थान | प्रकार | प्रचालक | कुल क्षमता (मेगावाट) |
काकरापार परमाणु संयंत्र | गुजरात के सूरत जिले में | दबाव वाले भारी जल रिएक्टर | न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) | 440 |
परमाणु संयंत्र के फायदे
परमाणु संयंत्र के फायदे निम्नलिखित है
- परमाणु ऊर्जा बिल्कुल स्वच्छ है क्योंकि यह बिना ग्रीन हाउस गैस के उत्पादन से बिजली बनाता है
- परमाणु संयंत्र किसी भी प्रकार के रेडियोधर्मीपदार्थ नहीं छोड़ते वायुमंडल मेंक्योंकि इसके अंदर लगने वाला कूलिंग टावर इसको रोक लेता है
- परमाणु संयंत्र सबसे कम रखरखाव वाले संयंत्र होते हैं इसमें एक बार जल भरने पर 2 साल तक उसका इस्तेमाल कर सकते हैं
परमाणु संयंत्र के नुकसान
अगर हम परमाणु संयंत्र में किसी भी प्रकार की अनदेखी करेंगे तो इससे बहुत बड़े नुकसान हो सकते हैं यह विनाशकारी साबित हो सकता है उसे शहर के लिए इसमें यह स्थित है इसके अलावा जिस परमाणु की सहायता से ऊर्जा उत्पादन की जाती है उसके भंडारण भी सीमित है जो धीरे-धीरे उपयोग में ले जा रहे हैं जो एक समय के बाद कम हो जाएंगे |
निष्कर्ष
आप यह आर्टिकल पढ़कर जान गए होंगे कि भारत के अंदरपांच परमाणु संयंत्र कौन से हैं इसके अलावा परमाणु संयंत्र के फायदे और नुकसान | अगर आपको इसमें किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त हुई है तो आप अपने दोस्तों के साथ इसे है Share कर सकते हैं |