Season name in Hindi and English -ऋतुओं  के नाम हिंदी एवं अंग्रेजी में

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Season name in Hindi and English : दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं भारत भौगोलिक क्षेत्र में सबसे ज्यादा ऋतु , मिट्टी , खनिज , लवण एवं संस्कृति रखने वाला देश है |

 विश्व में भारत सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां पर विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटी ,  अनाज  एवं विभिन्न प्रकार के जानवर आदि को अपने अंदर पिरोए हुए हैं | जोकि हमारे देश के अंदर पाए जाने वाली ऋतुओं के कारण संभव है |

आज  आप इस आर्टिकल  के माध्यम से  जानेंगे की भारत में कितने प्रकार की ऋतु पाई जाती है ? ऋतु क्या है ?  ऋतु  क्यों परिवर्तित होती है ?  ऋतु के नाम हिंदी , अंग्रेजी एवं संस्कृत में ?  आज आपको सभी जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से बताई जाएगी | 

ऋतु क्या है  –Season name in Hindi and English

ऋतु  शब्द संस्कृत से लिया गया  है  जिसका अर्थ   मौसम होता है | इसे अंग्रेजी भाषा में Season  कहते हैं |

जैसा कि आपने देखा होगा प्रत्येक वर्ष में कुछ महीने वायुमंडलीय   स्थिति यह समान बनी रहती है ,  वर्ष के इस  वैशिष्ट्य पूर्ण समय ( period )  को ऋतु  कहा जाता है | ऋतु में मौसम की स्थिति एक विशेष प्रकार की बनी रहती है |

इस प्रकार से समझ सकते हैं  जैसे एक व्यक्ति में  समय-समय पर  परिवर्तन होते रहते हैं , उसी प्रकार वर्ष के मौसम में कुछ समय पश्चात परिवर्तन होते रहते हैं जिसे हम ऋतु कहते हैं | 

 ऋतु  वर्ष के एक निश्चित समय बाद परिवर्तित होती है |  उनको हम उनकी मौसम की स्थिति के अनुसार अलग अलग नाम से जानते हैं | आइए इनकी जानकारी नीचे दिए गए आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं –

भारत में ऋतु कितने प्रकार की होती है (  Types of seasons in Hindi And English ) 

मुख्य रूप से ऋतु  को तीन भागों में बांटा गया है जो गर्मी का मौसम (Summer ) , सर्दी का मौसम ( Winter ) एवं बारिश का मौसम ( Monsoon ) है |

भारत देश की  प्राकृतिक परिस्थितियों के अनुसार ऋतु को 2 – 2 महीने के अंतराल से 6 भागों में बांटा गया है|  जो इस प्रकार है – ग्रीष्म ,  वर्षा , शिशिर ,  हेमंत ,  शरद  और बसंत |

ऋतुओं  का क्रम हिंदी एवं  अंग्रेजी में ( Sequence of seasons Hindi And English ) 

ऋतु के नाम हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में सारणी द्वारा बताए गए हैं –

ऋतुओं  के नाम

 (S. No. )

हिंदी में 

 ( Hindi )

अंग्रेजी में

(English )

अंग्रेजी के महीने 

 ( Months of English )

1 .वसंत ऋतूSpring SeasonMarch-April
2 .ग्रीष्म ऋतूSummer SeasonMay-June
3 .वर्षा ऋतूRainy SeasonJuly-August
4 .शरद ऋतूAutumn SeasonSeptember-October-mid November
5 .हेमंत ऋतूPre-winter SeasonNovember-December
6 .शीत ऋतूWinter SeasonJanuary-February

ऋतुओं के नाम संस्कृत में ( Season Name In Sanskrit ) 

हमारी प्राचीन भाषा संस्कृत है | इस कारण आपका भी मन हो रहा होगा कि संस्कृत में ऋतुओं  को किस नाम से जानते हैं –

ऋतुओं  के नाम

 (S. No. )

हिंदी में 

 ( Hindi )

संस्कृत में (Sanskrit)हिंदू महीने

( Months of Hindi )

अंग्रेजी महीने

( Months of English ) 

1 .वसंत ऋतूवसंत: :ऋतूचैत्र से वैशाखMarch-April
2 .ग्रीष्म ऋतूग्रीष्म ऋतूज्येष्ठ से आषाढMay-June
3 .वर्षा ऋतूवर्षा ऋतूश्रावण से भाद्रपदJuly-August
4 .शरद ऋतूशरद् ऋतूआश्विन से कार्तिकSeptember-October-mid November
5 .हेमंत ऋतूहेमंत: ऋतूमार्गशीर्ष से पौषNovember-December
6 .शीत ऋतूशिशिर: ऋतूमाघ से फाल्गुनJanuary-February

ऋतु परिवर्तन क्यों होता है  

पृथ्वी सौरमंडल का भाग है | पृथ्वी सूर्य के चारों ओर दीर्घ वृत्ताकार कक्षा में  चक्कर लगाती है , साथ में वह अपनी  धूरी पर 23 ½ डिग्री झुकी हुई है   जिसके कारण पृथ्वी  को सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 365   दिनों का समय लगता है  अर्थात  एक  वर्ष  समय लगता है | 

ऋतु परिवर्तन के लिए मुख्य रूप से दो कारक  जिम्मेदार हैं –

  1.   जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओरपरिक्रमा  करती है |
  2.  पृथ्वी अपने  घूर्णन अक्ष पर 23 ½ डिग्री झुकी होने के कारण | 

ऋतुओं के बारे में कुछ महत्वपूर्ण एवं विस्तृत जानकारी 

आपने ऊपर  ऋतु के नाम जान लिए हैं | अब इनके बारे में कुछ और जानकारी नीचे दी गई है –

#1. वसंत ऋतु  : – (Spring Season )

वसंत ऋतु , का आगमन हिंदी महीनों के अनुसार   चैत्र से वैशाख तक  रहता है |  तथा अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह रितु फरवरी महीने के मध्य से लेकर अप्रैल महीने के मध्य तक रहती है |

वसंत ऋतु को  ऋतुओं का राजा कहा जाता है , क्योंकि वसंत ऋतु के समय पेड़ पौधों पर नए-नए फूल , पत्ते आने लगते हैं  जिन पर तितलियां  बैठती एवं उड़ती हुई दिखाई देती है |  साथ में कई पक्षियों जैसे कोयल ,  गौरैया ,  मोर आदि की आवाजें आने लगती है |  यह नजारा देखकर यह मौसम बहुत ही रोमांचक लगता है |

#2.  ग्रीष्म ऋतु : – (Summer Season )

भारत देश में ग्रीष्म ऋतु का मौसम    ज्येष्ठ से लेकर आषाढ़ महीने तक रहता है | तथा अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह  ऋतु अप्रैल महीने के मध्य से लेकर जून महीने के मध्य तक रहता है |

 वसंत ऋतु का समय पूरा होने लगता है तब मौसम में परिवर्तन होने लगते हैं | अर्थात ग्रीष्म ऋतु धीरे-धीरे शुरू हो जाती है तथा तापमान में वृद्धि होने लगती है |  अप्रैल महीने में  शुरू होती है उस समय हमें गर्मी का अनुभव होने लगता है |  गर्मियों में सामान्य तापमान 38 डिग्री सेल्सियस हो जाता है | 

ग्रीष्म ऋतु में दिन लंबे  और रातें छोटी होती चली जाती है |  इस मौसम में धूप तेज होने के कारण वातावरण में वायु गर्म होने लगती है तथा तेजी से चलने लगती है जिन्हें हम लू   कहते हैं |  इस समय राजस्थान में तापमान 50 डिग्री  सेल्सियस  से भी ज्यादा चला जाता है |  इतनी तेज गर्मी के कारण इस समय नहर, नदियां, तालाब एवं बावड़ी  आदि सूखने लगती है |

#3. वर्षा ऋतु  ; -(Rainy Season ) 

वर्षा ऋतु हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ से लेकर  सावन तक रहता है | तथा अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वर्षा ऋतु का समय जून महीने के मध्य से लेकर अगस्त महीने के मध्य तक होता है |

वर्षा ऋतु आने पर गर्मी धीरे-धीरे कम होने लगती है तथा ग्रीष्म ऋतु के कारण तपती हुई धरती पर बारिश होने लगती है , जिस कारण धरती ठंडी होने लगती है तथा बारिश होने के कारण सूखे हुए तालाब नहर, नदियां आदि फिर से पानी से भर जाती है | तथा पेड़ पौधे ,  खेतों में फसलें दोबारा से तरोताजा होने लगती है | 

 अर्थात वर्षा ऋतु में पूरी धरती हरी-भरी हो जाती है |  इसी ऋतु में हरियाली तीज जाती है जिस दिन हम लोग झूला झूलते हैं |

#4.  शरद ऋतु  : – (Autumn Season )

शरद ऋतु का  समय हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद से आश्विन महीने तक होता है |  तथा अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इसका समय अगस्त महीने के मध्य से लेकर अक्टूबर महीने के मध्य तक होता है |

इस ऋतु के आने के बाद वातावरण में ठंड ज्यादा होने लगती है |  इस ऋतु में पेड़ों की पुरानी पत्तियां चढ़कर नई पत्तियां आने लगती है |  तथा आसमान बिल्कुल साफ नीले रंग का दिखाई देता है |  इस मौसम में  सुबह-सुबह ठंड लगने लगती है |

#5.  हेमंत ऋतु  : -( Pre Winter Season )

हेमंत ऋतु का समय हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास से पौष मास तक रहता है |  तथा अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इसका समय अक्टूबर महीने के मध्य से लेकर दिसंबर महीने के मध्य तक रहता है | 

शीत ऋतु से पहले आने वाली ऋतु को हेमंत ऋतु कहा जाता है | हेमंत ऋतु में वातावरण के तापमान में कमी आती है |   इस मौसम में हम लोगों को ठंड लगने लगती है | इस समय में पेड़ पौधे हरे भरे तथा वातावरण सुहावना हो जाता है | सुबह-सुबह इस मौसम में घास पर ओस की बूंदे मोती के समान नजर आती है |

#6.  शीत ऋतु ; –  ( Winter Season )

शीत ऋतु हिंदू कैलेंडर के अनुसार  माघ  से लेकर फाल्गुन तक रहता है |  तथा अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इसका समय दिसंबर महीने से फरवरी  महीने के मध्य तक रहता है |

शीत ऋतु को शिशिर ऋतु भी कहा जाता है | इस ऋतु के समय मौसम बहुत ठंडा हो जाता है | इस ऋतु के समय दिन छोटे तथा रातें बड़ी होती जाती है |  इस ऋतु के आने के बाद पहाड़ी इलाकों में बर्फ पड़ना शुरू हो जाता है | अर्थात पहाड़ी इलाके बर्फ की चादर ओढ़ लेते हैं | इस ऋतु में सुबह के समय पेड़ पौधे, घास आदि पर ओस की बूंदे ही बूंदे हो जाती है जिनको देखकर ऐसा लगता है जैसे सफेद मोती चमक  रहे हैं |

इस समय वातावरण  मे ठंड होने के कारण सभी फल, सब्जियां  और फूल आसानी से मिल जाते हैं | 

 

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निष्कर्ष 

आज आपने हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से ऋतु के नाम एवं उनकी विस्तृत जानकारी प्राप्त की है |  अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी है तो आप अपने साथियों के साथ शेयर कर सकते हैं |  तथा हमें कॉमेंट  करके बता सकते हैं | 

 धन्यवाद